Skip to main content

घरेलू नुस्खे;21 घरेलू आयुर्वेदिक प्राचीन अचूक रामबाण नुस्खे,उपाये,तरीके

घरेलू उपाये,आयुर्वेदिक नुस्खे,प्राचीन तारीके

 दोस्तों प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों ने समय-समय पर जड़ी बूटियों के माध्यम से नए-नए प्रयोग करके ऐसे चमत्कारी नुस्खे तैयार किए जिने हम घरेलू आयुर्वेदिक दादी मां के नुस्खे के नाम से भी जानते हैं।इन चमत्कारी नस्खो के माध्यम से हम  घर बैठे ही कई रोगों का निदान कर सकते हैं।तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही चमत्कारी घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे,उपाये और तरीके के बारे में जो बहुत सरल और बेहद लाभकारी है
gharelu nuskhe
gharelu nuskhe

घरेलू,आयुर्वेदिक नुस्खे,उपाये,तरीके

 1- अनार के दाने,छिलके,पत्ते,को पीसकर सरसों के तेल मे अच्छी तरह पकाकर छान कर शीशी में भरकर रख ले ।ओर दिन मे 2-3 बार इस तेल को बालो की जड़ो मे लगाकर हल्के हाथों से मालिश करे ।इससे कुछ ही दिनों में बालो का झड़ना बंद हो जाता है।

 2- ऑवले के एक चम्मच चूर्ण को रात को पानी मे घोल कर रख दे ओर सुबह इस घोल मे आधे नीबू का रस अच्छी तरह मिलाकर इस घोल से बालो की मालिश करे तथा 10-15 मिनिट बाद बालो को धो ले ।हर दिन यह उपाऐ करने  से बाल स्वतः ही काले होने लगते है।तथा असमय बाल सफेद होने की शिकायत ठीक होती है।
                                             
           3- दालचिनी पाउडर 1/4 चम्मच मे,नींबू का रस और शहद मिलाकर लेप बनायें और रात में पिंपल्स पर अच्छी तरह से लगा लें।ओर सुबह इसे पानी से धो ले।कुछ दिनो तक लगातार ये उपाये करने से मुहांसे या पिंपल्स ठीक हो जाते है।

 4- चेहरे की चमक बड़ाने के लिऐ।एक चम्मच चाबल के आंटे मे एक चम्मच शहद और दो चम्मच नीबू के रस को मिलाकर लेप बना ले ओर इस लेप को चेहरे पर अच्छी तरह से लगा ले तथा आधे घंटे बाद धो ले।इस उपाये को प्रतिदिन करने से चेहरे के दाग धब्बे ठीक होते है झुर्रिया कम होती है।और चेहरे की चमक ओर रोनक बड़ती है।

  5- बेकिंग सोड़ा ओर अरंड़ी के तेल को समान मात्रा मे मिलाकर रात मे मस्सो पर लगा ले।ओर सुबह धो ले कुछ दिन लगातार ऐसा करने से मस्से सूख कर स्वतः ही गिर जाते है।

 6-प्याज के ताजे रस को दिन मे 3-4 बार मस्से पर लगाने से भी कुछ दिनो मे मस्से सूखकर झड़ जाते है।

 7- दालचीनी का टुकड़ा मुंह मे रखकर चूसने से मुंह से बदबू आने की शिकायत मे तुरंत लाभ होता है।

 8- दांत दर्द मे लौंग का तेल लगाने से दांत दर्द से तुरंत राहत मिलती है।

 9- अमरूद या बिही के पत्तो को पानी मे उबाल कर उसमे थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ला करने से भी दांत दर्द मे तुरंत लाभ होता है।

 10- एक गिलास दूध मे 1/4 चम्मच हल्दी चूर्ण और 1/4 चम्मच सौंठ के चूर्ण को अच्छी तरह उबाल कर कुनकुना पीने से सर्दी,खांसी मे लाभ होता है और कफ की शिकायत भी दूर होती है।

 11- सरसो के तेल मे दो कली लहसुन की और थोड़ी सी मैथी को उबालकर दो बूंद कान मे डालने से कान का दर्द और कान की खुझली से राहत मिलती है।

 12- चुटकी भर खाने का सोडा या हींग को गर्म पानी के साथ लेने से कुपच के कारण होने बाले पेट दर्द से मुक्ति मिल जाती है।

 13- मुलेठी के टुकड़े को मुंह मे रखकर चूसने से खांसी मे आराम मिलता है।

 14- नारियल का तेल और मोम को मिलाकर अच्छी तरह से गर्म कर ले तथा ठंडा होने पर फटी ऐड़ी पर दिन मे दो तीन बार लगाये।कुछ ही दिनो मे फटी हुई ऐड़ीयां मुलायम व ठीक हो जाती है।

 15- जामुन की गुठली के बारिक पिसे चंर्ण को एक चम्मच की मात्रा मे सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से शुगर मे बार-बार बाथरूम जाने की शिकायत दूर होती है और शुगर मे लाभ होता है।

  16- ठंडे पानी में 20 ग्राम शहद को मिलाकर प्रतिदिन पीने से खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है।

 17- दो चम्मच नींबू के रस में दो चम्मच अदरक का रस मिलाकर उसमे थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पेट दर्द के रोगी को पिलाने से पेट का दर्द ठीक होता है।

 18- दही में केला मिलाकर खाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

 19- गुड़ के साथ 5 ग्राम मेथी और 5 ग्राम सोंठ के चूर्ण को मिलाकर सुबह शाम खाने से गठिया के दर्द से छुटकारा मिलता है।

 20- काली मिर्च को पानी में अच्छी तरह से उबालकर कुल्ला करने से मसूड़ों का दर्द और सूजन ठीक हो जाती है।

 21- मेथी के चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।

Disclaimer

Dosto hamne app tak ayurvedic or gharelu nuskhe ki sahi or uchit jankari pahuchane ki puri koshis ki he.fir bhi app kisi bhi nuskhe ya ayurvedic medicine ke upyog se pahle kisi yogya vaid ya chikitsak ki salah jarur le.kyoki her bimari or vyakti ki taseer alag - alag hoti he .atah kisi bhi jankari ya vigyapan se hone bale nuksan ke liye lekhak(writer) or blog owner ki koi jababdari nahi hogi .dhanyabad


Comments

Popular posts from this blog

धात रोग या धातु रोग के आयुर्वेदिक उपाये हिन्दी मे ।धात का ईलाज

धात का ईलाज धातु रोग के आयुर्वेदिक उपाये                   gharelu nuskhe                                                                      दोस्तो धातु रोग या धात गिरना धात आना या जिसे हम शुक्रप्रमेह के नाम से जानते है यह हे क्या ओर इसके क्या कारण है तथा इसके क्या नुकसान है तथा इसको ठीक करने के क्या उपाये है। धातु रोग क्या है दोस्तो मल मूत्र से पहले या बाद मे मूत्रनली से कभी-कभी सफेद रंग का चिपचिपा सा द्रव्य का निकलना ही धात रोग कहलाता है।यह सफेद चिपचिपा पदार्थ ही मनी या वीर्य होता है जिसे धातु कहते है । धातु रोग के कारण धात आना या धात गिरने या धातु रोग के ज्यादातर ये कारण होते है । - कामुक विचारों मे लीन रहना - पेट मे हमेशा कब्ज रहना - मनी का अधिक जमा हो जाना - मनी का अधिक पतला होना - संभोग की अधिकता - गरम ताशीर से स्वभाव मे अधिक ताप होना ओर गरम चीजों का अधिक सेवन करना - खाना खाने के तुरंत बाद संभोग करने से गुर्दे की चर्बी पिघलने लगती है ।जिससे धात रोग की उत्पत्ति होती है धातु रोग से नुकसान - कमर मे दर्द होना - आंखों मे अंधेरा छाना - चक्करों का आना - घुट

Masik dharm ya period ki aniymitta ke gharelu nuskhe,irregular periods symptoms and home remedy

Irregular periods symptoms and treatment, masik dharm ya period ki aniymitta ke gharelu nuskhe   Nuskhe  Mahilao ko har mahine reguler aane bali ek samany kriya he lekin kisi karan is kriya me aniymitta ya kisi prakar ki gadhbadhi aa jati he to use masik dham ki aniymitta ya Irregular menstruation  kahte he. isse mahilao ko kai pareshaniya hone lagti he atah samay per iska ilaj karna bahut jaruri he.agar koi mahila garv se hoti he to ye kriya svatah hi ruk jari he.jiski janch kara kar pushti kara lena chahiye ki period na aane ka koi or karan to nahi he.agar kisi anya karan se peirod ya masik dharm nahi aa rahe he to uska sahi ilaj jaruri he.period ya masik dharm ka na aana ya adhik aana hi masik dharm ki aniymitta ya Irregular period problem he. Narmol period ya masik dharm aane ki samay avdhi 28 dino ki hoti he par kabhi kabhi kam me22- 24 or jyada me 35 tak ho sakti he jo samanya baat he lekin isse kam ya jyada hona masik dharm ki aniymitta ya Irregular period kahlata